Thursday 23 April 2020

भारत रत्न सचिन तेंदुलकर जैसा कोई दूसरा ना हुआ

सचिन ने क्रिकेट को इतना कुछ दिया कि उन्हें क्रिकेट का भगवान कहा जाने लगा। वह भारत रत्न पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बने


जन्मदिन पर विशेष


अक्षय कुमार


तारीख़ 16 मार्च 2012, दिन शुक्रवार। बांग्लादेश के शेर--बांग्ला स्टेडियम बहुत ही गौरवपूर्ण क्षण का साक्षी बना बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच में अर्से के बाद सचिन तेंदुलकर ने शतक लगाया और यह शतक बहुत खास बन गया यह सिर्फ शतक नहीं बल्कि शतकों का शतक था सचिन अपनी पारी में 138वें गेंद पर शतक लगाने के साथ ही 147 गेंदों का सामना कर 114 रन बनाकर आउट हुए, जिसमें 12 चौके और एक छक्का शामिल था हालांकि यह मैच भारतीय टीम हार गयी लेकिन फिर भी महान सचिन तेंदुलकर की इस अकल्पनीय उपलब्धि ने हार के ग़म को भी खुशी में बदल दिया यह बांग्लादेश के खिलाफ उनका पहला शतक भी था 370 दिनों के मैराथन प्रतीक्षा के बाद हर यह सुनहरा अवसर मिला 

इससे पहले अपने कैरियर में तेंदुलकर कई बार नर्वस नाइंटीज का शिकार हो चुके थे इस मैच में शुरुआत में तेज खेलने वाले सचिन 80 रन बनाने के बाद थमते नजर आए इसके बाद रन बनाने की गति थोड़ी धीमी हो गयी इसी दौरान दूसरी छोड़ पर बल्लेबाजी कर रहे विराट कोहली आउट हो गये 90 पर पहुंचने के बाद एक चौका लगाया तेंदुलकर अब भी शतक से छह रन दूर थे इसी बीच मैदान के दूसरी छोड़ पर मौजूद सुरेश रैना ने और इंतजार कराया बार-बार ओवर के आखिरी गेंद पर सिंगल ले लेते, इस समय सचिन 99 रन पर अटके थे सवा सौ करोड़ भारतीय लोगों की साँस थम चुकी थीं 

आखिर 44वें ओवर में चौथे गेंद पर शाकिब अल हसन की गेंद के सामने सचिन आये उस गेंद को स्क्वायर लेग की तरफ धकेल कर तेजी से दूसरी छोर पर भागे इसी के साथ पारी में 100 रन पूरा हुआ करोड़ों क्रिकेट प्रशंसकों ने गहरी साँस ली सचिन ने शतक के बाद हेलमेट उतारा, बल्ले को आसमान की ओर लहराते हुए भगवान का शुक्रिया अदा करने के साथ दर्शकों का अभिवादन भी स्वीकार्य किया मैदान पर मौजूद सभी खिलाड़ियों ने सचिन को इस असाधारण उपलब्धि के लिए शाबाशी दी इसी के साथ क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने एक ऐसा रिकॉर्ड कायम किया जिसकी उम्मीद कभी किसी ने नहीं की थी अटूट रहने वाले शिखर पर सचिन पहुंच गए इस सौवें अंतर्राष्ट्रीय शतक तक पहुंचने के लिए सचिन तेंदुलकर को टेस्ट और वनडे मिला कर 650 मैच खेलने पड़े यानी हर छठे मैच में सेंचुरी बनाने वाले सचिन ने इस बार 34 पारियों का गैप देकर प्रशंसकों को लंबा इंतजार कराया इस शतक के साथ ही वनडे मैचों में उनके नाम 49 शतक हो गए, जबकि टेस्ट मैचों में 51 शतक हैं एकदिवसीय क्रिकेट में सचिन ने 96 अर्धशतक बनाए हैं, जबकि टेस्ट में उनके नाम 68 हाफ सेंचुरी भी शामिल है 
2011 वर्ल्ड कप के बाद और इस सीरीज के बीच इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के दौरों में सचिन बुरी तरह फ्लॉप रहे थे उस दौरान उनके खिलाफ मीडिया में बयान भी आने लगे और कुछ लोगों ने तो उन्हें संन्यास लेने की सलाह भी दे दी कई पूर्व क्रिकेटर ने तो यहाँ तक कहा कि उम्र को ध्यान में रखते हुए तेंदुलकर को वर्ल्ड कप जीतने के बाद ही संन्यास ले लेना चाहिए था उस वक्त उन्हें सम्मानजनक विदाई भी मिलती लेकिन सचिन तो सचिन थे उनपर भी दबाव इसलिए बन गया था कि उनके हमवतन राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध खराब प्रदर्शन के बाद संन्यास की घोषणा कर दी थी उस समय टेस्ट मैचों की दोनों सीरीज में भारत को 4-0 से हार का सामना करना पड़ा था इन दोनों सीरीज में सचिन तेंदुलकर भी कुछ खास नहीं कर सके थे जिसके बाद उन्हें भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था 99वां शतक सचिन ने 2011 वर्ल्ड कप के दौरान ही लगाया था ठीक एक साल चार दिन पहले 12 मार्च को साउथ अफ्रीका के खिलाफ शतक लगाया था उसके बाद सौवें शतक के लिए 370 दिन तक का लंबा इंतजार करना पड़ा इस बीच इंग्लैंड, वेस्टइंडीज और आस्ट्रेलिया के खिलाफ़ टेस्ट मैच और ऑस्ट्रेलिया में ही वनडे त्रिकोणीय सीरीज खेली जिसमें कुल 11 टेस्ट और 12 वनडे मैचों की सचिन ने 34 पारियां खेलीं लेकिन कामयाब नहीं हो सके थे 

सचिन के बाद सबसे अधिक अंतर्राष्ट्रीय शतक लगाने वाले खिलाड़ियों की बात करें तो आस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग (71 रन), विराट कोहली (70), कुमार संगकारा (63) और जैक कैलिस (62) हैं इन सभी में वर्तमान में सिर्फ विराट कोहली क्रिकेट खेलते हैं इनके प्रदर्शन को देखते हुए क्रिकेट विशेषज्ञों का कहना है कि सचिन तेंदुलकर का यह रिकॉर्ड विराट कोहली ही तोड़ेंगे सचिन भी कह चुके हैं कि कोई भारतीय खिलाड़ी अगर यह रिकॉर्ड तोड़ता है तो इससे बड़ी बात क्या होगी अगर विराट इसे हासिल करते हैं तो हमें खुशी होगी

सचिन तेंदुलकर ने अपने कॅरियर की शुरुआत साल 1989 में 16 साल की उम्र में की थी उस समय कोई नहीं जानता था कि एक छोटे से कद का बच्चा भविष्य में इतना बड़ा नाम बनेगा सचिन ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय शतक अगस्त 1990 में लगाया था यह उनके कैरियर का नौवां टेस्ट मैच था जो इंग्लैंड के मैनचेस्टर में खेला गया था इस मैच में उन्होंने 119 रनों की नाबाद पारी खेली थी सचिन के बल्ले से पहला वनडे शतक जनवरी 1994 में लगाया था यह मैच आस्ट्रेलिया के खिलाफ़ कोलंबो में खेला गया था जिसमें सचिन ने 110 रनों की पारी खेली थी उन्होंने अपने कैरियर में 200 टेस्ट मैच खेले हैं जो सबसे अधिक है 

वैसे तो सचिन के नाम सैकड़ों रिकॉर्ड दर्ज हैं लेकिन जब शतकों की बात हो रही है तो हमें इसका भी जिक्र करना बेहद जरूरी है साल 2010 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे इतिहास का पहला दोहरा शतक भी सचिन तेंदुलकर ने जड़ा था 50 ओवर के क्रिकेट में शतक बनाना काफी होता है लेकिन उन्होंने पहला दोहरा शतक 147 गेंदों में बनाकर इतिहास रच दिया भारत के वीरेंद्र सहवाग और रोहित शर्मा सहित कई खिलाड़ी भी दोहरा शतक लगा चुके हैं



सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट को इतना कुछ दिया कि उन्हें क्रिकेट का भगवान कहा जाने लगा 16 नवंबर 2013 को भारतीय क्रिकेट का हीरा हमेशा के लिए अदृश्य हो गया 24 साल के लम्बे क्रिकेट कैरियर के बाद सचिन ने भावुक मन के साथ क्रिकेट को अलविदा कह दिया संन्यास के बाद उन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया गया यहां भी उन्होंने इतिहास ही बनाया सचिन पहले ऐसे खिलाड़ी थे जिन्हें यह सम्मान दिया गया यह सम्मान पाने वाले वह सबसे कम उम्र के व्यक्ति बने आज मास्टर ब्लास्टर का सचिन तेंदुलकर का 47वां जन्मदिन है उन्हें जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं ! 

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