Monday 20 April 2020

आईपीएल का आयोजन नहीं होने से किसे होगा घाटा?


आईपीएल रद्द होने से खिलाड़ियों को 680 करोड़ का नुकसान होगा लेकिन बीसीसीआई के साथ-साथ सबसे अधिक नुकसान स्टार इंडिया का होगा
  • अक्षय कुमार

भारत में क्रिकेट को लोग धर्म की तरह मानते हैं। क्रिकेटर को उनके फैंस पूजते हैं। इसी क्रिकेट को सचिन तेंदुलकर ने इतना कुछ दिया कि उन्हें क्रिकेट के भगवान तक की संज्ञा दे दी गयी। कहा जाता है कि हमारे देश
में राजनीति के बाद लोग जिस चीज में सबसे अधिक दिलचस्पी लेते हैं, तो वह क्रिकेट ही है। क्या बच्चे, क्या जवान और क्या बूढ़े, सभी यहाँ जाति, धर्म और सम्प्रदाय से ऊपर उठ क्रिकेट को सपोर्ट करते हैं। 

बात 80 के दशक की करें तो उस समय वेस्टइंडीज टीम का विश्व क्रिकेट पर एकछत्र राज था। तब भारत ने साल 1983 में पहली बार कपिल देव की कप्तानी में वेस्टइंडीज को हराकर विश्व कप जीता था। इसी दशक में महान बल्लेबाज सुनील गावस्कर, भविष्य में क्रिकेट के भगवान बनने वाले सचिन तेंदुलकर जैसे महान खिलाड़ी टीम को मिले। फिर सौरव गांगुली, अजहरुद्दीन, राहुल द्रविड़ जैसे खिलाड़ी भारतीय टीम को मिले। इस बीच, भारत क्रिकेट के सबसे पुराने फॉर्मेट टेस्ट क्रिकेट और वनडे दोनों में शानदार प्रदर्शन करती रही।

टी-20 का जादू

लेकिन इसके बाद अब बारी आई क्रिकेट के एकदम नए फॉर्मेट टी-20 की। इस फॉर्मेट के आते ही विश्व क्रिकेट ने एक नया मोड़ लिया। फटाफट अंदाज, मैदान पर चौके-छक्कों की बरसात, फील्डरों द्वारा तीन मीटर हवा में छलांग लगाकर गेंद को लपकना, 20 ओवर के मैच में वह सब कुछ हुआ, जो 50 ओवर के वनडे में दर्शकों को देखने नहीं मिलता था। इस फॉर्मेट के आने के बाद दर्शकों में गजब का रोमांच पैदा हुआ। इसी बीच, एक लंबे-लम्बे बालों वाला क्रिकेटर उभर रहा था- एमएस धोनी, जो बाद में भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक बने। साल 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप का पहला आयोजन किया गया जिसे भारत जीतने में सफल रहा। इस वर्ल्ड कप के बाद यह फॉर्मेट भारत सहित दुनियाभर के क्रिकेट प्रशंसकों के दिलों पर छा गया। 



इसी के बाद अलग-अलग देशों ने घरेलू टी-20 लीग की शुरुआत की। भारत भी पीछे नहीं रहा। साल 2008 में इंडियन प्रीमियर लीग की शुरुआत की गयी, जो आज दुनिया की सबसे सफल टी-20 लीग बन चुकी है। इस टूर्नामेंट में दुनियभर के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भाग लेते हैं। हज़ारों की संख्या में खचाखच भरे स्टेडियम में ग़ज़ब का
रोमांच होता है। इस टूर्नामेंट ने कई बेहतरीन खिलाड़ी दिए हैं। अगर यह टूर्नामेंट नहीं होता तो कई काबिल, प्रतिभावान खिलाड़ियों की पहचान नहीं हो पाती। वर्तमान भारतीय टीम में शामिल हार्दिक पंड्या, यजुर्वेद चहल, जसप्रीत बुमराह और लोकेश इसी आईपीएल की खोज हैं। 

प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले इस लीग ने भारतीय क्रिकेट को भी एक नई पहचान दी है। कहा जाता है कि आईपीएल का आईडिया बीसीसीआई के पूर्व उपाध्यक्ष और पूर्व आईपीएल कमिश्नर ललित मोदी ने दिया था। उनका मानना था कि दुनिया भर के क्रिकेट खिलाड़ियों को मिलाकर एक नयी और अनोखी क्रिकेट लीग शुरू की जाए। मोदी उस वक्त एक अच्छे क्रिकेट प्रशासक माने जाते थे और एक बड़े बिजनेसमैन भी थे।

कोरोना के कारण संकट 

इस साल आईपीएल का 12वां संस्करण 30 मार्च से शुरू होना था। सभी फ्रैंचाइजी पूरी तैयारी कर चुकी थी। टीमों के खिलाड़ी अभ्यास भी शुरू कर चुके थे लेकिन तभी कोरोना का कहर शुरू हो गया। 24 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लगने के चलते 14 अप्रैल तक के लिए आईपीएल को स्थगित कर दिया गया। कोरोना का प्रकोप बढ़ता गया। इस बीच लॉकडाउन को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया। 

इसके साथ ही इस साल इस टूर्नामेंट के आयोजन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। फ़िलहाल, इसे अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। इसपर बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने बीते रविवार को कहा था- ‘‘हम परिस्थितियों पर नजर बनाए हुए हैं। फिलहाल की स्थिति में कुछ भी स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। अब कोई तरीका नहीं बचा है। एयरपोर्ट बंद हैं, लोग घरों में कैद रहने को मजबूर हैं। सभी ऑफिस बंद हैं। कोई कहीं आ या जा नहीं सकता। यह स्थिति आधी मई तक रहने की संभावना है। ऐसी स्थिति में खिलाड़ियों को कहां से लाएंगे और उन्हें यात्रा कैसे कराएंगे? कॉमन सेंस है कि यह स्थिति दुनियाभर में किसी भी खेल के अनुकूल नहीं है। इसलिए सम्भवतः इस बार आईपीएल को भूल जाएं।”


सो आईपीएल अगर रद्द हुआ तो इससे खिलाड़ियों को 680 करोड़ का नुकसान होगा। प्रत्येक टीम को 85 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित होती है, ऑक्शन में खर्च करने के लिए। आईपीएल नहीं होने से फ्रैंचाइजी को खिलाड़ियों को रुपये नहीं देने होंगे। साथ ही आईपीएल के नहीं होने से बीसीसीआई के साथ-साथ सबसे अधिक नुकसान स्टार इंडिया को होगा। साल 2018-22 तक के लिए आईपीएल के सभी मीडिया राइट्स स्टार इंडिया ने खरीद लिए थे। वह डील 16347.5 करोड़ रुपये में हुई थी जो लगभग प्रत्येक मैच के लिए 54.5 करोड़ रुपये बैठती है। 

दूसरे उपायों पर चर्चा

फ़िलहाल, हालात ये हैं कि जून-जुलाई तक कोरोना संकट टलता नहीं दिख रहा है। उसके बाद सितंबर में एशिया कप होना है। फिर अक्टूबर में टी-20 वर्ल्ड कप निर्धारित है। हालांकि कुछ ही दिनों पहले श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने कहा है कि श्रीलंका कोरोना से बहुत प्रभावित नहीं है, इसलिए बीसीसीआई चाहे तो श्रीलंका में इसका आयोजन कर सकता है। लेकिन दिक़्क़त ये है कि आईपीएल अगर किसी दूसरे देश में होता भी है तो अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें बंद होने के चलते वहाँ खिलाड़ियों को कैसे पहुँचाएँगे?

कुछ समय तक तो यह भी चर्चा चली कि बिना दर्शकों के ही आईपीएल का आयोजन करवाया जाए। इसके भी दो पक्ष हो गए। एक पक्ष इसके समर्थन में था तो दूसरा इसके लिए तैयार नहीं था। यह सही भी है। किसी खेल में दर्शक ही रोमांच पैदा करते हैं इसलिए खाली स्टेडियम में मैच आयोजित करवाने का कोई मतलब नहीं है। 

इस टूर्नामेंट में खिलाड़ियों पर पैसा भी खूब बरसाता है। किसी को नहीं पता  कि कब करोड़पति बन जाएं। इस सत्र के लिए खिलाड़ियों की नीलामी दिसंबर 2019 में हुई थी जिसमें आस्ट्रेलियाई पेसर पैट कमिंस इस सीजन के सबसे महंगे खिलाड़ी बने। इस पेसर को कोलकाता नाइट राइडर्स ने 15 करोड़ 50 लाख की बड़ी राशि में खरीदा। इस तरह वह आईपीएल इतिहास के सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी बन गए। 

ऐसे ही सबसे अधिक रकम में बिकने वाले विदेशी खिलाड़ियों में रहे ग्लेन मैक्सवेल को पंजाब ने 10.75 करोड़ और क्रिस मॉरिस को आरसीबी ने 10 करोड़ की बड़ी रकम देकर खरीदा। वहीं कुछ ऐसे भारतीय खिलाड़ी रहे, जिनका नाम बहुत ही कम लोग जानते होंगे, उन्हें भी इस बार करोड़ों रुपये में खरीदा गया। युवा खिलाड़ी कार्तिक त्यागी और मुंबई के युवा बल्लेबाज़ यशस्वी जायसवाल को राजस्थान रॉयल्स ने क्रमशः 1 करोड़ 30 लाख और 2 करोड़ 40 लाख रुपये में खरीदा। इसी तरह वरुण चक्रवर्ती को केकेआर ने 4 करोड़ में ख़रीदा। 

आईपीएल में टीमों की दबदबे की बात करें तो मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स सबसे आगे हैं। मुंबई इंडियंस चार बार तो चेन्नई सुपर किंग्स तीन बार विजेता बन चुकी है और पांच बार फाइनल तक पहुंच उपविजेता बनी है। हालांकि कोई टीम किसी से कमजोर नहीं है। आईपीएल में सबसे दुर्भाग्यशाली टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को कहा जाता है।  यहआईपीएल की सबसे मजबूत टीम भी मानी जाती है जिसका नेतृत्व भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली करते हैं। इस टीम में दुनिया के दिग्गज टी-20 खिलाड़ी रहे लेकिन कभी यह विजेता नहीं बन पाई। 


आज आईपीएल के दौर में शतक जड़ने में घंटों भी नहीं लगते। खूब चौके-छक्के लगते हैं। आखिरी ओवर में 25 रन भी जीतने के लिए चाहिये तो बल्लेबाज़ बना जाते हैं। यही कारण है कि दुनियाभर के दर्शकों का इस खेल के प्रति रुझान बढ़ा है। अभी भी लोगों को भरोसा है कि आईपीएल हर बार की तरह इस साल भी होगा। अगर समय रहते भारत में कोरोना पर क़ाबू पा लिया गया और दुनियाभर में इसपे नियंत्रण हो गया, तो इसकी उम्मीद की जा सकती है कि आईपीएल के मैदान में दुनियाभर के खिलाड़ी एक बार फिर आमने-सामने होंगे।

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